Aaj Ka Shubh Muhurat Aur Iske mahatav jane

शुभ मुहूर्त एक विशेष समय होता है, जिसे किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। यह मुहूर्त ग्रहों, नक्षत्रों और पंचांग के आधार पर तय किया जाता है। 

Aaj Ka Shubh Muhurat Aur Iske mahatav jane

शुभ मुहूर्त क्या होता है? इसका ज्योतिष में क्या उपयोग है?

शुभ मुहूर्त का अर्थ:

शुभ मुहूर्त एक विशेष समय होता है, जिसे किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। यह मुहूर्त ग्रहों, नक्षत्रों और पंचांग के आधार पर तय किया जाता है। Aaj ka shubh muhurat  में किए गए कार्यों को सफलता, समृद्धि और सौभाग्य मिलने की संभावना अधिक होती है।

शुभ मुहूर्त का ज्योतिष में महत्व:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी कार्य की सफलता में सही समय और ग्रहों की स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शुभ मुहूर्त का उपयोग मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है:

  1. विवाह (Marriage):
    सही मुहूर्त में विवाह करने से दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

  2. गृह प्रवेश (Housewarming):
    नए घर में प्रवेश करने से पहले शुभ मुहूर्त देखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

  3. व्यापार की शुरुआत (Business Start):

            कोई नया व्यापार शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने से सफलता और आर्थिक उन्नति होती है।

  1. वाहन या संपत्ति खरीदना (Buying Vehicle or Property):

            शुभ मुहूर्त में खरीदी गई संपत्ति और वाहन लंबे समय तक लाभदायक रहते हैं।

  1. यज्ञ, हवन और पूजा-पाठ (Religious Rituals):

            धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, और हवन करने के लिए शुभ मुहूर्त विशेष रूप से देखा जाता है।

  1. नामकरण और विद्यारंभ संस्कार (Naming & Education Ceremony):

बच्चे के नामकरण और शिक्षा की शुरुआत के लिए भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है, जिससे जीवन में उन्नति होती है।

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शुभ मुहूर्त कैसे निकाला जाता है?

शुभ मुहूर्त निकालने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित कारकों को ध्यान में रखा जाता है:

  1. वार (Day of the Week) सप्ताह के सातों दिनों का अलग-अलग महत्व होता है।

  2. तिथि (Lunar Date) चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तिथि तय होती है।

  3. नक्षत्र (Constellation) 27 नक्षत्रों में से कौन सा नक्षत्र चल रहा है, यह देखा जाता है।

  4. योग (Yoga) यह विशेष खगोलीय गणना पर आधारित होता है।

  5. करण (Karana) यह तिथि का आधा भाग होता है और शुभ-अशुभ समय को प्रभावित करता है।

  6. राहु काल, गुलिक काल, यमगंड (Inauspicious Periods) इन अशुभ समयों में शुभ कार्य करने से बचा जाता है।

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आज, 21 मार्च 2025, शुक्रवार का पंचांग निम्नलिखित है:​

1. तिथि (Date):

  • कृष्ण पक्ष सप्तमी (सुबह 4:23 बजे तक), इसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी। ​

2. नक्षत्र (Nakshatra):

  • ज्येष्ठा नक्षत्र (रात्रि 1:46 बजे तक), इसके बाद मूल नक्षत्र शुरू होगा। ​

3. योग (Yoga):

  • सिद्धि योग (शाम 6:42 बजे तक), इसके बाद व्यतीपात योग प्रारंभ होगा। ​

4. शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings):

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक।​

5. अशुभ मुहूर्त (Inauspicious Timings):

  • राहु काल: सुबह 10:57 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक। इस अवधि में शुभ कार्यों से बचना चाहिए। ​

6. सूर्योदय और सूर्यास्त (Sunrise and Sunset):

  • सूर्योदय: सुबह 6:24 बजे।

  • सूर्यास्त: शाम 6:33 बजे। ​

7. विशेष पर्व (Special Festival):

  • शीतला सप्तमी: आज शीतला माता की पूजा का विशेष दिन है। इस दिन माता की पूजा करने से परिवार में स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है। 

8. दिशा शूल (Disha Shool):

  • पश्चिम दिशा। इसलिए, पश्चिम दिशा की यात्रा से बचना उचित है।​

9. चंद्रमा की स्थिति (Moon's Position):

  • चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा (रात्रि 1:46 बजे तक), इसके बाद धनु राशि में प्रवेश करेगा। ​

इन शुभ मुहूर्तों का पालन करके आप अपने कार्यों में सफलता और शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। विशेष रूप से, शीतला सप्तमी के अवसर पर माता की पूजा अवश्य करें।

निष्कर्ष (Conclusion):

शुभ मुहूर्त का पालन करने से जीवन में सुख, सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। सही समय पर किए गए कार्य अधिक लाभकारी और सकारात्मक परिणाम देते हैं। इसलिए, किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त का विचार करना आवश्यक माना जाता है।

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